आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने मनाई 84वीं वर्षगांठ — न्याय, निष्पक्षता और पारदर्शिता के 84 सुनहरे वर्ष

नई दिल्ली, 9 अक्तूबर 2025:
देश के सबसे पुराने अर्ध-न्यायिक संस्थानों में से एक आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने अपनी 84वीं वर्षगांठ पर “ITAT – भूमिका, चुनौतियाँ और आगे की राह” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम दिल्ली उच्च न्यायालय के ऑडिटोरियम में हुआ, जिसमें देशभर के प्रमुख न्यायविद, सरकारी अधिकारी और विधि क्षेत्र के छात्र शामिल हुए।
कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के विश्व में चौथे स्थान पर पहुँचने में ITAT का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि 1941 में स्थापित ITAT ने बीते 84 वर्षों में 30 लाख से अधिक अपीलों का निपटारा करते हुए कर-न्याय के क्षेत्र में उल्लेखनीय उदाहरण पेश किया है।
इस अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई को सम्मानित किया गया। उन्होंने ITAT की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि न्यायाधिकरण ने कर-व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वास कायम किया है।
विधि सचिव डॉ. अंजु राठी राणा ने कहा कि ITAT निष्पक्ष और संतुलित निर्णयों का प्रतीक है तथा संस्थान के आधुनिकीकरण और क्षमता-वृद्धि की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय, ITAT अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सी. वी. भदंग, और ITAT टैक्स बार एसोसिएशन (नई दिल्ली) के अध्यक्ष अजय वाधवा ने भी अपने विचार रखे।
“84 गौरवशाली वर्ष” पर आधारित ऑडियो-विज़ुअल प्रस्तुति ने ITAT की न्यायिक यात्रा और ऐतिहासिक फैसलों को जीवंत किया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और समूह छायाचित्र के साथ हुआ।
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