वीरेंद्र सचदेवा ने डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के “एमरजेनसी @50 का उद्घाटन किया

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर : अपातकाल के 50 साल पूरे होने पर आज डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, जनपथ में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी द्वारा आयोजित “एमरजेनसी @ 50 – कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा ने दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यकम की अध्यक्षता पूर्व सांसद श्री विनय सहस्त्रबुद्धे ने करी।
यह कार्यक्रम लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ी गई उस ऐतिहासिक जनसंघर्ष की स्मृति को समर्पित है, जिसने भारत की आत्मा को बचाए रखा। श्री जयप्रकाश नारायण जी और श्री नानाजी देशमुख जी जैसे महापुरुषों के जन्मजयंती के अवसर पर उनके आदर्शों को स्मरण करते हुए, हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि भारत में लोकतंत्र सदैव सशक्त और जीवंत बना रहे।
कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों को केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र शेखावत सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी सम्बोधित कियाह
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सहचदेवा ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज अगर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है तो उसका एक कारण यह है कि युवा पीढ़ी को इस बात की जानकारी हो कि आखिर अपनी कुर्सी और सत्ता बचाने के किए कांग्रेस सरकार द्वारा कैसे संविधान का गला घोंटा गया और कैसे कलम की ताकत पर रोक लगाई गई इस बात की जानकारी आज की युवा पीढ़ी को भी होनी चाहिए।
श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि उस वक्त सिर्फ सत्ता के लालच में किसी का हाथ काट दिया गया था तो किसी को जान से मार दिया गया। इसलिए आज की पीढ़ी को समझना पड़ेगा कि आखिर इमरजेंसी क्या थी कितनी काली थी। पिछले 10 सालों में विश्व ने भारत की जो ताकत देखी है उससे भारतीय लोकतंत्र को एक नई पहचान मिली है।
श्री सचदेवा ने खासकर युवाओं से एक विशेष अपील करते हुए कहा कि युवा आज कल मोबाइल के नशे में डूबा हुआ है लेकिन अगर वही नशा देश के प्रति हो तो यह देश का भविष्य बिल्कुल सुरक्षित हाथो में होगा। इसलिए कोशिश कीजिए कि देश के प्रति सेवा की और लोकतंत्र के सम्मान की भावना आये।
श्री सचदेवा ने कहा की लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण एवं श्री नाना जी देशमुख दोनों आजाद भारत में कांग्रेस द्वारा लगाये गये अपातकाल में संविधान एवं लोकतंत्र के सबसे बड़ी प्रहरी रहे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा की अगर देश की आज़ादी का श्रेय हम महात्मा गांधी एवं पंडित नेहरू को देते हैं तो देशवासियों की वैचारिक आज़ादी की रक्षा का श्रेय लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं नाना जी देशमुख को जाता है




