पर्यटन मंत्रालय की ‘वन स्टेट : वन ग्लोबल डेस्टिनेशन’ पहल को नई दिशा

15 October, 2025, 8:55 pm

 

उदयपुर, 15 अक्टूबर 2025 (PIB/ब्रॉडकास्ट मंत्रा):
पर्यटन मंत्रालय ने उदयपुर में दो दिवसीय राज्य पर्यटन मंत्रियों की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न की। 14-15 अक्टूबर को आयोजित इस ऐतिहासिक बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वन स्टेट : वन ग्लोबल डेस्टिनेशन” विज़न को आगे बढ़ाना, जिसे केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित किया गया था।

इस योजना के तहत हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक वैश्विक स्तर का पर्यटन स्थल विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जो विकसित भारत की रूपरेखा का हिस्सा है।

बैठक की शुरुआत पर्यटन सचिव श्रीमती वी. विद्यावती के स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्य संबोधन दिया। उन्होंने कहा —

“यह बैठक भारतीय पर्यटन के लिए निर्णायक क्षण है। केंद्र, राज्य और निजी क्षेत्र की संयुक्त भागीदारी से हम ऐसे पर्यटन स्थलों का निर्माण करेंगे जो न केवल भारत की विविधता को दर्शाएं, बल्कि विश्व स्तर पर अनुभव, ढांचे और स्थिरता के मामले में प्रतिस्पर्धा भी करें।”

दो दिनों की इस बैठक में दो प्रमुख रणनीतियों पर गहन विमर्श हुआ —

  1. डेस्टिनेशन डेवलपमेंट (Destination Development): निजी निवेश आधारित पर्यटन हब विकसित करना।

  2. डेस्टिनेशन मैनेजमेंट (Destination Management): प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन (PLI) मॉडल लागू करना, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले प्रबंधन को बढ़ावा मिल सके।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने-अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिनमें प्रत्येक ने एक संभावित पर्यटन स्थल को वैश्विक आकर्षण केंद्र के रूप में विकसित करने की रूपरेखा दी। बैठक के दूसरे दिन इंटीग्रेटेड टूरिज़्म प्रमोशन स्कीम गाइडलाइंस पर विशेष चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य भारत को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक समग्र पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।

कार्यक्रम का समापन अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (पर्यटन) श्री सुमन बिल्ला के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने सभी राज्यों के योगदान को सराहा और कहा कि मंत्रालय उनके सुझावों को अंतिम योजना में शामिल करेगा।

यह परामर्श भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धी, सतत और समृद्ध पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो देशभर में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को नई गति देगा।