यात्री बसों में अवैध रूप से सामान ढोने की प्रवृत्ति—एक गम्भीर खतरा

दिल्ली सहित देशभर में यात्री बसों के माध्यम से अवैध, प्रतिबंधित तथा गैरक़ानूनी ढंग से सामान लाने-लेजाने का कारोबार खुलेआम चल रहा है। यह न केवल मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि यात्रियों की जान के साथ भी गंभीर खिलवाड़ है।ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (पंजी॰) के अध्यक्ष राजेन्द्र कपूर ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि हमने इस विषय में अनेक बार सरकार एवं संबंधित विभागों — दिल्ली सरकार, व्यापार एवं कर विभाग, परिवहन विभाग, दिल्ली पुलिस तथा यातायात पुलिस — से लिखित एवं मौखिक रूप में गुहार लगाई, परंतु अब तक किसी भी एजेंसी ने इस पर ठोस कदम नहीं उठाया।
अवैध, प्रतिबंधित तथा गैरक़ानूनी ढंग से सामान लाने-ले जाने का कारोबार
श्री राजेन्द्र कपूर ने कहा कि पुरानी दिल्ली क्षेत्र में — मोरी गेट, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने, सेंट स्टीफन हॉस्पिटल के बाहर, कवीन मैरी स्कूल के समीप, खन्ना मार्केट, सदर बाजार, गली चमेलियाँन, गुरु नानक आई हॉस्पिटल के बाहर तथा राजेन्द्रा मार्केट — जैसे स्थानों पर प्रतिदिन खुलेआम यात्री बसों में माल लादा और उतारा जा रहा है।इसके बावजूद प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बने हुए हैं।
कठोर कार्रवाई की मांग
उन्होंने कहा कि हमने अपने पत्रों और व्यक्तिगत मुलाकातों के माध्यम से बार-बार अधिकारियों को सचेत किया कि इस लापरवाही से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।दुर्भाग्यवश, भ्रष्टाचार और मिलीभगत के चलते कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती।
जैसलमेर की घटना से ले सबक
राजस्थान में घटित दर्दनाक बस हादसे में 20 निर्दोष लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।यदि समय रहते प्रशासन ने अवैध रूप से सामान ढोने पर रोक लगाई होती, तो शायद ये निर्दोष जीवन बचाए जा सकते थे।हम सरकार, प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग से कठोर कदम उठाने की माँग करते हैं ताकि इस खतरनाक प्रवृत्ति पर तुरंत रोक लग सके।
साथ ही, हम सभी नागरिकों और यात्रियों से अपील करते हैं कि वे ऐसी किसी भी बस में यात्रा न करें जिसमें माल भरा जा रहा हो या पहले से लदा हुआ हो।ऐसी लापरवाही कभी भी एक भीषण त्रासदी का रूप ले सकती है।
जनहित में हमारी यही अपील है कि प्रशासन जागे, कानून लागू करे और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखे।




