परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना और मंजीत सिंह जी.के. की सदस्यता की रद्द

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर:
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आज हुई विशेष जनरल हाउस में, कमेटी के पूर्व अध्यक्षों परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना और मंजीत सिंह जी.के. के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए सर्वसम्मति से उनकी सदस्यता समाप्त करने का फैसला लिया गया।
कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने बताया कि गुरुद्वारा चुनाव निदेशक और दिल्ली सरकार की ओर से कमेटी को निर्देश दिया गया था कि सदस्यों द्वारा की गई शिकायतों पर आवश्यक कार्रवाई की जाए। इसके बाद सभी 50 सदस्यों को लिखित रूप में नोटिस भेजकर, निर्देशों और शिकायतों की प्रतियां भी दी गईं और कार्रवाई पर सुझाव मांगे गए।
उन्होंने बताया कि परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना और मंजीत सिंह जी.के. को भी ये नोटिस भेजे गए थे, लेकिन उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन नहीं किया और न ही कोई संतोषजनक जवाब दिया। तीनों आज की बैठक में भी शामिल नहीं हुए।
मीटिंग में अधिकांश सदस्यों ने तीनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद मौजूद सभी 38 सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर उनकी सदस्यता समाप्त करने का निर्णय लिया। इस प्रस्ताव की प्रति अब गुरुद्वारा चुनाव निदेशक और दिल्ली सरकार को भेजी जाएगी।
सरदार कालका और सरदार काहलों ने बताया कि यह कार्रवाई दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी एक्ट के तहत की गई है। तीनों पर आरोप था कि उन्होंने कमेटी के पदाधिकारी रहते हुए अपने परिवारिक सदस्यों के नाम पर चेकों के जरिए भुगतान किए — मंजीत सिंह जी.के. ने अपनी बेटी के नाम पर और सरना बंधुओं ने अपनी कंपनियों के नाम पर भुगतान करवाए।
उन्होंने कहा कि मीटिंग में सदस्यों ने यह भी राय दी कि नैतिक रूप से गलत कार्य करने वालों को उदाहरणीय सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी संगत द्वारा दिए गए दान (दसवंध) के पैसे की ओर देखने की भी हिम्मत न कर सके।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि किसी और सदस्य के खिलाफ भी कोई शिकायत आती है और गुरुद्वारा चुनाव निदेशक की ओर से निर्देश मिलते हैं, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।




