भारतीय समृद्धि का मूल आधार है सशक्त परिवार – बी आर शंकरानंद

भारतीय शिक्षण मंडल दिल्ली प्रान्त द्वारा इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में आयोजित ‘सशक्त परिवार – समृद्ध भारत’ विषयक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षण मण्डल के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत का इतिहास समृद्ध और गौरवशाली रहा है, हमारे देश में, मैं और समाज के बीच कुटुंब की अवधारणा है। कोरिया, जापान और चीन जैसे देश जनसँख्या की कमी से चिंतित हैं, करियर और पैसे की चिंता से परिवार छोटे हो रहे हैं, परिवार से मिलकर ही सभी परेशानियों का हल मिल सकता हैं, ख़ुशी साझा करने का सबसे अच्छा अनुभव अपने परिवार के साथ ही होता है।
मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी आर शंकरानंद ने कहा कि भारत, आलय अर्थात परिवार, विद्यालय और देवालय के कारण विश्व में अपनी श्रेष्ठता बनाये हुए है। आज हम संधि काल से गुजर रहे हैं, विद्वान् और सज्जन शक्ति के साथ ही प्रकाश की ओर जा सकते हैं, उन्होंने कहा कि प्रभु शक्ति, मन्त्रण शक्ति और उत्साह शक्ति संगठन के मंत्र हैं जिसके द्वारा नयी पीढ़ी को हमें दिशा देने की जरुरत हैं। परिवार, संस्कार का केंद्र बनना चाहिए जिसमें आत्मीयता, अनुशासन, सहयोग और त्याग का भाव हो, सबका मन एक होना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि श्री विशाल जी, प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली प्रान्त ने कहा कि हम भारतीय समाधान करने वाले लोग हैं, विश्व के लिए भारत का योगदान परिवार नामक संस्था है, हम अपने धर्म के पालन के लिए जजिया कर देकर, कभी अपनी पहचान छुपा कर जीवन और परिवार को बचाकर हम यहाँ तक पहुंचे हैं। उन्होंने परिवार को सशक्त करने के सूत्र देते हुए कहा कि फ़िल्मों के माध्यम से विदेशी विचारों जैसे एकल परिवार, सिंगल पैरेंट जैसे कुत्सित विचारों को पोषित करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे अकेलापन और अवसाद बढ़ रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली प्रान्त अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार सिंह ने की| उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में वृद्धाश्रम जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी, हमारे बीच संवाद की कमी ने समाज में कई प्रकार की विकृतियों को जन्म दिया है | सशक्त परिवार और सशक्त नारी से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सकता है|
इस अवसर पर डॉ सच्चिदानंद जोशी द्वारा भारतीय शिक्षण मंडल दिल्ली प्रान्त कार्यकारिणी की घोषणा की गयी| इस दौरान एक हजार से अधिक लोगों की उपस्थिति रही| कार्यक्रम का संचालन डॉ बबिता सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ धर्मेन्द्र नाथ तिवारी ने दिया|
कार्यक्रम के आरम्भ में दिल्ली प्रान्त के उपाध्यक्ष प्रो अरविन्द कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत का ज़ेनज़ी ऊर्जा से भरा हुआ है, संस्कारों से ही विश्व कल्याण की राह निकली हैं, सशक्त परिवार से सशक्त व्यक्ति का निर्माण होता है, सशक्त व्यक्ति से सशक्त समाज, सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है। भारत 2047 तक निश्चित ही विकसित राष्ट्र होगा।
इस स्थापना दिवस के अवसर पर प्रो धनंजय जोशी, प्रो रवि प्रकाश टेकचन्दानी, गणपति तेती, सचिन मारण, प्रो. अरविन्द कुमार, प्रो. आर के गुप्ता, प्रो. संजय भारद्वाज, डॉ सूर्य प्रकाश, डॉ सुशील तिवारी, डॉ नरेश तंवर, प्रो. नारायण प्रसाद, प्रो. प्रकाश कांडपाल, डॉ विभूति गौड़, प्रो पूनम, प्रो. विजेता सिंह अग्रवाल, प्रो. राजेंद्र प्रसाद, डॉ धर्मेन्द्र नाथ तिवारी, डॉ बबिता सिंह, डॉ अंजलि, डॉ मंजू, डॉ पवन, डॉ विकास, डॉ आशुतोष, डॉ ज्ञानेंद्र, डॉ अमोल नेरकर डॉ रेणु सहित शिक्षा जगत के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।




