दिल्ली के दिल – दिल्ली की शान “लाल क़िला” पर हुए विस्फोट से आहत व्यापार जगत ने जताया गहरा दुख और रोष।

11 November, 2025, 8:54 pm

 

देश की आन–बान–शान का प्रतीक लाल क़िला, जो न केवल दिल्ली बल्कि पूरे भारतवर्ष की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है, वहाँ हुए विस्फोट की हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
इस आतंकी हमले में निर्दोष भारतीय नागरिकों के मारे जाने और कईयों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना से पूरा व्यापारी समाज गहरे शोक में डूब गया।

इसी दुःख और संवेदना को साझा करने हेतु आज दिल्ली के सदर बाजार स्थित बारा टुट्टी चौक पर सैकड़ों की संख्या में व्यापारी, दुकानदार और स्थानीय नागरिक एकत्रित हुए।
इस अवसर पर हिंदू, मुस्लिम, सिख और अन्य सभी धर्मों के लोग एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर उपस्थित थे।
सभी ने मृतकों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए सामूहिक प्रार्थना की।

भावनाओं से भरे इस श्रद्धांजलि समारोह में हर एक की आँखें नम थीं और हृदय में इस कायरतापूर्ण कृत्य के प्रति गहरा आक्रोश था।
लोगों ने एक स्वर में कहा कि ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए और सरकार से आग्रह किया कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार का दुस्साहस करने का साहस न जुटा सके।

इसके बाद सभी व्यापारियों और नागरिकों ने बारा टुट्टी चौक से लेकर पूरे सदर बाजार क्षेत्र तक एक विशाल कैंडल मार्च (मोमबत्ती यात्रा) निकाली।
इस कैंडल मार्च में सैकड़ों दुकानदारों ने भाग लिया और हाथों में मोमबत्तियाँ लेकर मौन श्रद्धांजलि दी।
पूरा सदर बाजार क्षेत्र “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम” और “आतंकवाद मुर्दाबाद” के नारों से गूंज उठा।
राहगीर भी इस एकता और देशभक्ति के माहौल को देखकर भावविभोर हो उठे।

इस संकट की घड़ी में दिल्ली का पूरा व्यापारी समाज पीड़ित परिवारों के साथ तन–मन–धन से खड़ा है।
यह केवल हमला लाल क़िले पर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है।

“यह हमला देश की अस्मिता पर प्रहार है। आज दिल्ली का व्यापारी समाज एकजुट होकर यह संदेश दे रहा है कि हम आतंकवाद के सामने झुकने वाले नहीं हैं।”

“*लाल क़िला भारत के सम्मान और गौरव का प्रतीक है।
हमारे वीर नागरिकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।*
हम सब एक साथ मिलकर इस घृणित कृत्य के विरोध में खड़े हैं और देश की एकता को और सशक्त करेंगे।”

श्रद्धांजलि सभा एवं कैंडल मार्च में सैकड़ों व्यापारियों, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया।
यह आयोजन न केवल शोक और संवेदना का प्रतीक था, बल्कि एकता और देशभक्ति के अटूट संकल्प का भी प्रमाण बना।
व्यापारियों में प्रमुख रूप से देवराज बवेजा, परमजीत सिंह (पममा), देवेंद्र जैन, अशोक लांबा, मोहम्मद साहब, प्रवीण कपूर इत्यादि शामिल हुए।