दिल्ली में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में ‘महाराष्ट्र दिवस’ धूमधाम से मनाया

नई दिल्ली, : भारत की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और लोककला को देश-विदेश के प्रतिनिधियों तक पहुँचानें के उद्देश्य से प्रगति मैदान में जारी 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) में शनिवार शाम ‘महाराष्ट्र दिवस’ उत्साह और भव्यता के साथ मनाया गया। पूरे कार्यक्रम ने दिल्ली को मानो महाराष्ट्र की रंगीनी में रंग दिया।
समारोह का भव्य उद्घाटन
कार्यक्रम का शुभारंभ महाराष्ट्र लघु उद्योग विकास महामंडल के प्रबंध निदेशक विकास पानसरे ने किया। इस अवसर पर पूर्व सचिव प्रफुल्ल पाठक, महाराष्ट्र परिचय केंद्र के निदेशक हेमराज बागुल, सदन के सहायक निवासी आयुक्त नितीन शेंडे, सह-व्यवस्थापकीय संचालक प्रशाली दिघावकर और जनसंपर्क अधिकारी मनीषा पिंगळे सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
‘लोकरंग महाराष्ट्राचे’—लोककलाओं की अद्भुत प्रस्तुति
प्रसिद्ध निर्माता और हिंदी फिल्म संगीत के जाने-माने तालवादक शशांक कल्याणकर की टीम ‘एक संगीत संध्या, मुंबई’ ने महाराष्ट्र की ग्रामीण, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को शानदार अंदाज़ में सामने रखा। नृत्य निर्देशक संदेश पाटिल की संकल्पना से सजे इस कार्यक्रम में 50 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत गणपति वंदना से हुई, जिसके बाद वासुदेव नृत्य ने ग्रामीण महाराष्ट्र की पहाट का सजीव चित्र उकेरा। विशेष आकर्षण रहा पंढरपुर की वारी का अद्भुत प्रदर्शन—‘दिंडी नृत्य’। मंच से निकली वारकऱ्यांची दिंडी को देखकर दर्शक भाव-विभोर हो उठे और खड़े होकर अभिवादन किया।
इतिहास, लोकनृत्य और आध्यात्म—सबका अनोखा संगम
कार्यक्रम में बाल शिवाजी जन्मोत्सव, राज्याभिषेक जैसी ऐतिहासिक झांकियों के साथ-साथ शेतकरी नृत्य, वाघ्या-मुरळी, गोंधळ, जोगवा, आदिवासी ठाकर नृत्य, लावणी और कोळी नृत्य ने दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरीं। संत परंपरा का संदेश देने वाला ‘भारूड’ प्रस्तुति का आध्यात्मिक शिखर साबित हुआ।
सिने अभिनेत्री धनश्री दळवी की मनमोहक प्रस्तुति और अभिनेता-निवेदक व आरजे अमित काकडे के प्रभावी संचालन ने दिल्ली की शाम को ‘महाराष्ट्राची सैर’ में बदल दिया। अंत में महाराष्ट्र के राज्य गीत के साथ समारोह की भव्य सांगता हुई।
मेले में महाराष्ट्र की कला, लोकनृत्य और समृद्ध परंपराओं के इस बेहतरीन प्रदर्शन ने प्रगति मैदान में मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और भरपूर सराहना प्राप्त की।




