राजस्थान सीमा से सटा कूनो बना प्रकृति, रोमांच और संस्कृति का नया आकर्षण

17 November, 2025, 1:11 pm

 

जयपुर
राजस्थान की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 14 नवंबर 2025 को प्रकृति, रोमांच और संस्कृति का अनोखा उत्सव कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट अपने दूसरे संस्करण के साथ भव्य रूप से शुरू हुआ।
यह आयोजन उन पर्यटकों—खासकर राजस्थान और जयपुर के यात्रियों—के लिए बड़ा आकर्षण बन रहा है, जो वाइल्डलाइफ़, इको-टूरिज़्म और सांस्कृतिक अनुभवों की तलाश में रहते हैं।

मध्य प्रदेश को 70 वर्ष बाद चीता पुनर्वास का गौरव प्राप्त हुआ है और अब कूनो को एक वैश्विक सस्टेनेबल और इको-टूरिज़्म गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है।

कूनो: इको-टूरिज़्म का उभरता राष्ट्रीय गंतव्य

कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य मंत्री श्री सीताराम आदिवासी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में आयोजित यह फेस्टिवल पर्यटन, वन्यजीव और संस्कृति का अनूठा संगम है।

अपर मुख्य सचिव एवं एमपी टूरिज़्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला ने इसे प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर और चीता परियोजना के उत्सव के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल स्थानीय समुदायों को आजीविका उपलब्ध कराने और मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय इको-टूरिज़्म मानचित्र पर ऊँचा स्थान दिलाने का कार्य करेगी।

25 लग्ज़री ग्लैंपिंग टेंट—साहसिक गतिविधियों का अनोखा मिश्रण

इवोक कैंपिंग के सहयोग से आयोजित इस रिट्रीट में पर्यटकों के लिए 25 लग्ज़री, ऑल-सीजन ग्लैंपिंग टेंट तैयार किए गए हैं।

यहाँ पर्यटक आनंद ले सकते हैं:
    •    जंगल सफारी
    •    थल और वायु आधारित एडवेंचर गतिविधियाँ
    •    योग व मेडिटेशन सत्र
    •    विलेज टूर
    •    वेलनेस अनुभव

जयपुर–ग्वालियर–श्योपुर क्षेत्र से आने वाले पर्यटकों के लिए यह स्थान एक नज़दीकी और आकर्षक सप्ताहांत डेस्टिनेशन बनकर उभरा है।

सांस्कृतिक संध्या ने बाँधा समां

उद्घाटन अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में पारंपरिक बधाई नृत्य और बुंदेलखंड का नौरता नृत्य दर्शकों को बेहद पसंद आया।
स्थानीय जनजातीय कला, हस्तकला और कारीगरों के प्रदर्शन ने प्रदेश की संस्कृति को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया।

इस दौरान पर्यटन बोर्ड, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

राजस्थान के लिए क्यों महत्वपूर्ण है कूनो?
    •    जयपुर और कोटा से कूनो तक सड़क मार्ग बेहद सुगम
    •    राजस्थान के यात्रियों के लिए नया “वीकेंड नेचर रिट्रीट”
    •    चीता पुनर्वास परियोजना का नज़दीकी अनुभव
    •    वन्यजीव, संस्कृति और एडवेंचर का त्रिस्तरीय आकर्षण